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जब आप क्विज़ शुरू करेंगे, तो पहली स्क्रीन जो आप देखेंगे उसे हनुमान चालीसा क्विज़- परिचय कहा जाता है। पहले दोहे के शब्द हल्के अक्षरों में दिखाई देंगे।  यादृच्छिक, वे  बिना किसी क्रम के आएंगे। उदाहरण के लिए-

श्रीगुरु चरण सरोज रज निज मनु मुकुर सुधारि ।

बरनऊ रघुवर विमल जसु जो दायकु फल चारि ।।

ये सभी शब्द ऊपर दिए गए हैं। आपको शब्दों को अपनी उंगली से सही क्रम में खींचकर सही स्थानों पर रखना होगा। यदि शब्द का स्थान सही है तो वह वहां फिट होगा, अन्यथा नहीं। यदि उपरोक्त श्लोक के सभी शब्द सही स्थान पर हैं, तो आपको बधाई संदेश प्राप्त होगा, पूरा श्लोक पुनः लिखा जाएगा, तथा अगले श्लोक पर जाने के लिए अगला श्लोक(Next Shloka) नामक बटन दिखाई देगा। इस पर क्लिक करके आप अगले श्लोक पर चले जाएंगे और अगले श्लोक के शब्द आपके सामने उसी प्रकार प्रकट हो जाएंगे। इस तरह आप कुल 40 चौपाये पूरे कर सकते हैं। अंत में 

पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप ।

राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप”

 

यह संदेश दिखाई देगा और आपको हनुमान चालीसा पूरी करने के लिए बधाई संदेश प्राप्त होगा। साथ ही, पूरी हनुमान चालीसा को एक ही स्थान पर पढ़ने के लिए एक बटन भी आएगा। इस पर क्लिक करके आप पूरी चालीसा एक ही स्थान पर पढ़ सकते हैं।

तुम्ही क्विझ सुरू केल्यावर, पहिला स्क्रीन तुम्हाला येईल- Hanuman Chalisa Quiz- Introduction या नांवाने. त्यात पहिल्यांदा फिक्या अक्षरांत सुरुवातीच्या दोह्याचे शब्द येतील.  random म्हणजेच कुठलाही क्रम नसलेले, येतील. उदाहरणार्थ-

श्रीगुरु चरण सरोज रज निज मनु मुकुर सुधारि ।

बरनऊ रघुवर विमल जसु जो दायकु फल चारि

यातील सर्व शब्द वर दिलेले आहेत. तुम्हाला ते शब्द योग्य क्रमाने तुमच्या बोटाने ओढून त्यांच्या योग्य जागी बसवायचे आहेत. शब्दाची जागा योग्य असेल तर तो तिथे फिट बसेल, अन्यथा बसणार नाही. वरील  श्लोकाचे सगळे शब्द योग्य जागी बसले, की तुम्हाला अभिनंदनपर मेसेज येईल, पूर्ण श्लोक पुन्हा लिहून येईल, आणि पुढील श्लोकाला जाण्यासाठी Next Shloka असे एक बटन येईल. त्याच्यावर क्लिक करून तुम्ही पुढील श्लोकावर गेले, की  पुन्हा पुढील श्लोकाचे शब्द त्याच प्रकारे तुमच्यासमोर येतील. अशा प्रकारे तुम्ही एकूण ४० चौपाया  पूर्ण करू शकता. शेवटी “

पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप ।

राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप

हा मेसेज येईल आणि तुम्ही हनुमान चालीसा पूर्ण केल्याबद्दल अभिनंदनपर मेसेज येईल. तसेच पूर्ण हनुमान चालीसा  एका ठिकाणी वाचण्यासाठी एक बटन येईल. त्यावर क्लिक करून तुम्ही पूर्ण चालीसा एके ठिकाणी वाचू शकता.  

When you start the quiz, the first screen will appear to you – Hanuman Chalisa Quiz- Introduction. In it, the words of the first couplet will appear in faded letters. Random, that is, in no order. For example –

Shriguru Charan Saroj Raj Nij Manu Mukur Sudhari.

Baranau Raghuvar Vimala Jasu Jo Dayaku Phala Chari

All the words in this are given above. You have to drag the words in the correct order with your finger and place them in their correct places. If the place of the word is correct, it will fit there, otherwise it will not fit. If all the words of the above verse are placed in the correct place, you will get a congratulatory message, the entire verse will be rewritten, and a button called Next Shloka will appear to go to the next verse. By clicking on it, you will go to the next verse, or again the words of the next verse will appear in front of you in the same way. In this way, you can complete a total of 40 verses. Finally, “

Pavan Tanay Sankat Haran, Mangal Murti Roop.

Ram Lakhan Sita Sahit, Hridaya Basahu Sur Bhup”

This message will appear and a congratulatory message will appear for completing Hanuman Chalisa. Also, a button will appear to read the complete Hanuman Chalisa in one place. By clicking on it, you can read the complete Chalisa in one place.

Hanuman Chalisa Quiz

Hanuman Chalisa Quiz

हनुमान चालीसा

 

 श्रीगुरु चरण सरोज रज निज मनु मुकुर सुधारि ।

बरनऊ रघुवर विमल जसु जो दायकु फल चारि ।।

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौ पवन कुमार ।

बल बुद्धि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश विकार ।।

 

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।

जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥१॥

राम दूत अतुलित बल धामा ।

अंजनि पुत्र पवनसुत नामा ॥२॥

महावीर विक्रम बजरंगी ।

कुमति निवार सुमति के संगी ॥३॥

कंचन बरन बिराज सुबेसा ।

कानन कुंडल कुँचित केसा ॥४॥

हाथ वज्र औ ध्वजा बिराजे ।

काँधे मूँज जनेऊ साजे ॥५॥

शंकर सुवन केसरी नंदन ।

तेज प्रताप महा जग वंदन ॥६॥

विद्यावान गुणी अति चातुर ।

राम काज करिबे को आतुर ॥७॥

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया ।

राम लखन सीता मनबसिया ॥८॥

सूक्ष्म रूप धरि सियहि दिखावा ।

बिकट रूप धरि लंक जरावा ॥९॥

भीम रूप धरि असुर संहारे ।

रामचंद्र के काज सवाँरे ॥१०॥

लाऐ संजीवन लखन जियाए ।

श्री रघुबीर हरषि उर लाए ॥११॥

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई ।

तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ॥१२॥

सहस बदन तुम्हरो जस गावै ।

अस कहि श्रीपति कंठ लगावै ॥१३॥

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा ।

नारद सारद सहित अहीसा ॥१४॥

जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते ।

कवि कोविद कहि सके कहाँ ते ॥१५॥

तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा ।

राम मिलाय राज पद दीन्हा ॥१६॥

तुम्हरो मंत्र विभीषण माना ।

लंकेश्वर भये सब जग जाना ॥१७॥

जुग सहस्त्र योजन पर भानू ।

लील्यो ताहि मधुर फ़ल जानू ॥१८॥

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माही ।

जलधि लाँघि गए अचरज नाही ॥१९॥

दुर्गम काज जगत के जेते ।

सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ॥२०॥

राम दुआरे तुम रखवारे ।

होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥२१॥

सब सुख लहै तुम्हारी सरना ।

तुम रक्षक काहू को डरना ॥२२॥

आपन तेज सम्हारो आपै ।

तीनहूं लोक हाँक ते काँपै ॥२३॥

भूत पिशाच निकट नहि आवै ।

महावीर जब नाम सुनावै ॥२४॥

नासै रोग हरे सब पीरा ।

जपत निरंतर हनुमत बीरा ॥२५॥

संकट तें हनुमान छुडावै ।

मन क्रम वचन ध्यान जो लावै ॥२६॥

सब पर राम राय सिर ताजा ।

तिनके काज सकल तुम साजा ॥२७॥

और मनोरथ जो कोई लावै ।

सोइ अमित जीवन फल पावै ॥२८॥

चारों जुग परताप तुम्हारा ।

है परसिद्ध जगत उजियारा ॥२९॥

साधु संत के तुम रखवारे ।

असुर निकंदन राम दुलारे ॥३०॥

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता ।

अस बर दीन जानकी माता ॥३१॥

राम रसायन तुम्हरे पासा ।

सदा हो रघुपति के दासा ॥३२॥

तुम्हरे भजन राम को पावै ।

जनम जनम के दुख बिसरावै ॥३३॥

अंतकाल रघुवरपुर जाई ।

जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई ॥३४॥

और देवता चित्त ना धरई ।

हनुमत सेई सर्व सुख करई ॥३५॥

संकट कटै मिटै सब पीरा ।

जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ॥३६॥

जै जै जै हनुमान गोसाई ।

कृपा करहु गुरु देव की नाई ॥३७॥

जो शत बार पाठ कर जोई ।

छूटहि बंदि महा सुख होई ॥३८॥

जो यह पढ़े हनुमान चालीसा ।

होय सिद्धि साखी गौरीसा ॥३९॥

तुलसीदास सदा हरि चेरा ।

कीजै नाथ हृदय मँह डेरा ॥४०॥

 

पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप ।

राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप ॥॥

 


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